5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की नींव पीएम मोदी के हाथों रखी जायेगी. मंदिर के भूमि पूजन के इस खास मौके पर कई तरह की रोचक चीजें देखने को मिलेगी जिसमें से एक है – Time Capsule. यह नाम सामने आते ही सबके मन में एक ही विचार आता है कि आखिर ये होता क्या है और राम मंदिर में इसको लेकर क्या खास है.

राम जन्म भूमि ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने यह बताया है कि 5 अगस्त को राम जन्मभूमि पूजन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अयोध्या आएंगे तो उन्हीं के हाथों मंदिर के गर्भगृह में 2000 फीट नीचे टाइम कैप्सूल रखवाया जाएगा.
Time Capsule –
- क्या होता है
- इसमें होता क्या है
- इसे क्यों दफनाया जाता है
- क्या राम मंदिर में रखा जायेगा
- क्या होगा इस Time Capsule में खास
- capsul जमीन में डालने वाले दूसरे भारतीय पीएम हैं मोदी
क्या होता है Time Capsul
यह एक कंटेनर होता है जो ठोस लोहे के समान होता है. इसे खास तरह के धातुओं के मिश्रण से बनाया जाता है. यह हर मौसम का सामना करने में सक्षम होता है. इसको जमीन के अंदर काफी गहराई में गाड़ दिया जाता है और जमीन में यह कई हजारों सालों तक सड़ता गलता नहीं है.

उदाहरण के लिए मौजूदा समय 2020 साल की कोई जानकारी अगर 3050 साल तक के लोगों तक पहुंचानी है तो इस कैप्सूल का उपयोग किया जाता है. जिससे जब उन्हें खुदाई में यह मिले तो वो जान सके कि 2020 ममें दुनियां कैसी थी, उनका रहन सहन कैसा था और तकनीक क्या थी.
इसमें होता क्या है.
टाइम कैप्सूल के अंदर वर्तमान समय की जानकारी, आविष्कार और किसी खास जगह के बारे में तैयार किये गए दस्तावेज रखे जाते है जो काफी लंबे समय बाद आने वाली पीढ़ी या सभ्यता के लिए सुरक्षित होते है. इससे मौजूदा पीढ़ी की जानकारी आगे आने वाली पीढ़ी को खुदाई में मिल जाती है.
क्यों दफनाया जाता है Time Capsule
टाइम कैप्सूल को दफनाने का मकसद होता है किसी समाज, भूगोल या आधिकारिक जानकारी को काफी लंबे समय तक सुरक्षित रखना. इसमें दस्तावेज और जानकारियां होती है जो वर्तमान पीढ़ी आगे आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखकर जाती है. यह आकार में अक्सर गोलाकार या बेलनाकार होता है जिससे यह जमीन में ज्यादा दवाब झेलने में सक्षम होता है.
राम मंदिर में रखा जायेगा Time Capsule

भूमि पूजन से पहले राम मंदिर के गर्भगृह में लगभग 2000 फीट की गहराई में टाइम कैप्सूल को दफनाया जाएगा. इससे फायदा यह होगा कि भविष्य में अगर कोई मंदिर के इतिहास का अध्ययन करना चाहे, तो उसे राम जन्मभूमि से जुड़े तथ्य मिलें और फिर से कोई विवाद खड़ा न हो. इस खास काम को पीएम मोदी के कर कमलों द्वारा किया जाना तय है.
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क्या होगा इस Capsule में खास
अयोध्या में दफनाये जा रहे इस टाइम कैप्सूल में राम मंदिर का इतिहास, भूगोल और अन्य कई तरह की जानकारियों के दस्तावेज और मंदिर के सबूत रखे जाएंगे. इससे आगे आने वाली पीढ़ी को राम मंदिर के इतिहास की जानकारी मिल जाएगी और सबूत भी. राम मंदिर का पूरा इतिहास इस कैप्सूल में दर्ज होगा जो आने वाले कई सालों तक जमीन में सुरक्षित रहेगा.
Time capsul जमीन में डालने वाले दूसरे पीएम हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अयोध्या के राम मंदिर की नींव में यह कैप्सूल डालने के साथ ही दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री बन जाएंगे जिन्होंने पीएम रहते हुए जमीन में टाइम कैप्सूल दफनाया है.

नरेंद्र मोदी से पहले आज़ादी के 25 साल बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक राष्ट्र के रूप में 25 वर्षों की उपलब्धियों और संघर्षों को बयां करने के लिए लाल क़िले में एक टाइम कैप्सूल डलवाया था.
विवादों में रहने के बाद निकलवाया गया था वापस
इंदिरा गांधी द्वारा डलवाये गए capsule में दर्ज जानकारियां विवादों में आगे जिसके बाद सत्ता में आई मोरार जी देसाई सरकार ने इस टाइम कैप्सूल को खुदवाकर बाहर निकलवा दिया. खास बात यह है कि उस कैप्सूल में कौनसी जानकारियां दर्ज थी यह अभी तक सार्वजनिक नहीं कि गई है.